मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
सोहागपुर। संविदा शिक्षक (Contract teacher) एवं शिक्षा कर्मियों को विगत वर्षों में राज्य स्कूल सेवा नियुक्ति नियम के तहत अध्यापक संवर्ग में समाहित किया गया है। लेकिन अध्यापकों को पूर्व की सेवाओं के लिए क्रमोन्नति पदोन्नति नहीं दी जा रही है। शुक्रवार को राज्य अध्यापक संघ के बैनर तले अध्यापकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी वंदना जाट (Subdivisional Officer Vandana Jat) को सौंपा है।राज्य अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष उमेश ठाकुर (District President Umesh Thakur) ने बताया ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि पूर्व में की गई घोषणा एवं वार्ता अनुसार अध्यापक संवर्ग में नियुक्त किए गए सभी अध्यापकों की वरिष्ठता बरकरार रखते हुए पूर्व की सेवाओं का लाभ देते हुए क्रमोन्नति एवं पदोन्नति की जाए। ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि राज्य स्कूल शिक्षा सेवा की जारी सेवा शर्तों में बिंदु क्रमांक 2.15 में कहा गया कि पूर्व की 10 वर्ष की सेवा को पदोन्नति/क्रमोन्नति में गणना में लिया जाएगा और इसी आदेश के बिंदु 3.2 में पूर्ण वर्षों को गणना में शामिल करते हुए क्रमोन्नति का उदाहरण भी दिया गया। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 8 मार्च को जो आदेश जारी किया गया है वह अनुचित है। ज्ञापन में ट्रेजरी कोड जारी नहीं होने के कारण कुछ अध्यापकों को आईएफएमएस से सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।इस बात का भी उल्लेख किया गया है। उक्त मामले में तत्काल कार्यवाही करते हुए क्रमोन्नति में पूर्व की समस्त सेवा अवधि की गणना संबंधी पत्र जारी करने की की गई है।
ज्ञापन देने वालों में उमेश ठाकुर योगेंद्र सिंह पटेल, यशवंत सिंह रघुवंशी, जितेंद्र बैरागी, रेवक सिंह रघुवंशी, शकील खान, एनवके खरे, जगदीश डोंगरे, अखिलेश सराठे, रामकिशोर दुबे, अनुपमा चौरसिया, हेमलता दुबे, राधा डेहरिया, रीता रघुवंशी, पीएन दुबे, बद्री प्रसाद चौहान, गिरधारी लाल पटेल, वहाददुर सिंह पटेल, छबीले श्याम, घासीराम श्रृंगारवंशी, आरके मेहरा, रामकृष्ण पटेल, सुख दयाल, करवेति धीरज, उइके मनोरमा वर्मा आदि शामिल हैं।