इटारसी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shrikrishna Janmashtmi) पर्व की बुधवार को धूम रही। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह से ही मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम हुए और भक्त अपने कान्हा (Kanha) का दर्शन करने मंदिरों में पहुंचते रहे। शहर के श्री द्वारिकाधीश मंदिर (Shri Dwarikadhish Mandir) में मुख्य कार्यक्रम हुआ। इसके अलावा श्री हनुमानधाम मंदिर (Hanumandham Mandir), श्री राधाकृष्ण मंदिर (Shri Radha-Krishna Mandir) राधाकृष्ण मार्केट, श्री दुर्गा मंदिर(Durga Mandir) आजाद चौक, श्रीराम-जानकी मंदिर (Shri Ram-janki mandir)पहली लाइन सहित अनेक मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन हुए।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर नगर के प्रमुख मंदिरों में सजावट देखने को मिली। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर में केले के पत्ते, आर्टिफिशियल फूलों, बैलून डेकोरेशन देखते ही बन रहा था। यहां सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह अभिषेक के बाद श्रंगार और फिर दर्शन प्रारंभ हुए। मंदिर में आने वाले भक्तों को पेड़े का प्रसाद वितरित किया।
सेनेटाइजर (Sanitizer) की व्यवस्था
श्री द्वारिकाधीश मंदिर के मुख्य द्वार पर ही फॉग आधारित सेनेटाइजर मशीन रखी गयी थी और भक्त मंदिर में प्रवेश से पहले सेनेटाइज होकर भीतर प्रवेश कर रहे थे। रात 12 बजे यहां मंदिर के पट खोलने के बाद घंटे घडिय़ाल, शंख की ध्वनि के साथ भक्तों के जय कन्हैयालाल की, हाथी-घोड़ा पालकी और नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की के जयघोष के साथ जन्म आरती प्रारंभ हुई। आरती के बाद मंदिर में भक्तों को पंजीरी का प्रसाद और चरणामृत वितरित किया गया।
सुरक्षा की व्यवस्था भी रही
मंदिरों में सुरक्षा पुलिस की व्यवस्था रही और लोगों ने सोशल डिसटेंस के साथ मंदिरों में भगवान के दर्शन किए। श्रीकृष्ण का पालना झुलाने को श्रद्धालु लालायित रहे। कोरोना काल के कारण कहीं पर भक्तों की ऐसी भीड़ नहीं दिखी कि लाइन लगानी पड़े या फिर पुलिस को भीड़ नियंत्रित करनी पड़े। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर खेड़ा और नई गरीबी लाइन से निकलने वाले जुलूस इस वर्ष नहीं निकले। मंदिरों के अलावा लोगों ने घरों में भी भगवान को झूले पर झुलाया और पूजा-अर्चना की।