काशी-तमिल संगमम की पहली ट्रेन पहुंची इटारसी, हुआ जोरदार स्वागत

इटारसी। उत्तर एवं दक्षिण भारतीय संस्कृति को सहेजे हुए काशी-तमिल संगमम (Kasi-Tamil Sangamam) की पहली ट्रेन, आज शुक्रवार को इटारसी स्टेशन पर पहुंचने पर गाड़ी के डेलीगेट्स का जोरदार स्वागत किया।

गाड़ी के इटारसी स्टेशन पर पहुंचने के पूर्व से ही स्टेशन पर उनके स्वगात में ढोल नगाड़े बज रहे थे। गाड़ी के स्टेशन पर पहुंचने पर अध्यक्ष, नगर पालिका इटारसी पंकज चौरे (Municipality Itarsi Pankaj Choure) एवं इटारसी शहर के गणमान्य व्यक्तियों, रेल प्रशासन की ओर से स्टेशन प्रबंधक देवेन्द्र सिंह चौहान (Station Manager Devendra Singh Chauhan) सहित सभी सुपरवाइजर कर्मियों द्वारा गाड़ी से आये प्रतिनिधियों का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत सभी डेलीगट्स के चेहरे खुशी से खिले हुए नजर आ रहे थे।

यह गाड़ी इटारसी स्टेशन से अपने निर्धारित समय दोपहर 12.10 बजे गन्तव्य के लिए रवाना हुई। काशी-तमिल संगमम की दूसरी ट्रेन 21 नवंबर, सोमवार को दोपहर 12 बजे इटारसी स्टेशन पर पहुंचकर, 12.10 बजे गन्तव्य के लिए रवाना होगी।

काशी-तमिल संगमम 2022 ”आजादी का अमृत महोत्सव” के हिस्से के रूप में भारत सरकार की एक पहल है। यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का उत्सव होगा और तमिल भाषा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का भी उत्सव मनाया जा रहा है, जिसका एक नज़ारा आज इटारसी स्टेशन पर भी देखने को मिला।

उल्लेखनीय है कि काशी और तमिलनाडु के बीच ज्ञान के सदियों पुराने बंधन और प्राचीन सभ्यतागत जुड़ाव को फिर से खोजने के लिए वाराणसी में 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक महीने भर चलने वाला ‘काशी तमिल संगमम’ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

इन ट्रेन सेवाओं में तमिलनाडु के कुल 2592 प्रतिनिधि शामिल होंगे जिसके प्रत्येक रेक में 216 यात्री होंगे तथा यह ट्रेन मार्ग में 21 स्टेशनों पर रुकेंगी। उक्त यात्रा का उद्देश्य आईआईटी चेन्नई और बीएचयू के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, भारतीय संस्कृति की दो प्राचीन अभिव्यक्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों/विद्वानों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान-सेमिनार, चर्चा आदि दोनों के बीच संबंधों और साझा मूल्यों को सामने लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

व्यापक उद्देश्य दो ज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं को करीब लाना, हमारी साझा विरासत को बनाना और समझना और क्षेत्रों के बीच लोगों से लोगों के बंधन को गहरा करना है।

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