इटारसी। सावन के पहले सोमवार को गुफा मंदिर तिलक सिंदूर (Tilak Sindoor) में भक्तों ने पहुंचकर शिव अभिषेक किया। इटारसी से करीब 18 किलोमीटर दूर तिलक सिंदूर के मंदिर में प्रथम सावन सोमवार को अनेक श्रद्धालु पहुंचे।
श्रावण मास में यहां हर वर्ष हर रोज श्रद्धालु पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक होती हैंं। तिलक सिंदूर मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी विनोद बारीबा ने बताया कि सावन सोमवार को भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग की पूजा करने श्रद्धालुओं दूर-दूर से पहुंचते हैं।
पूजा-अर्चना अभिषेक किया जाता हैं। अनेक भक्त नर्मदा नदी से कावड़ में जल भरकर पैदल यात्रा करके तिलक सिंदूर पहुंचते हैं। यह जिले में एक ऐसा स्थान है,जहां शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ता है, यही कारण है कि इसे तिलक सिंदूर नाम दिया गया हैं। सावर में यहां भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है। भगवान की कृपा से लोगों की मनोकामना पूरी होती है।
नागिनखोह में जाने पर लगे रोक
आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर के मीडिया प्रभारी विनोद वारिवा (Media in-charge Vinod Wariva) का कहना है कि यहां से करीब दो किलोमीटर दूर नागिनखोह झरना (Naginkhoh Waterfall, Tilak sindoor) है, जहां अब बड़ी संख्या में लोग जाने लगे हैं, जो खतरनाक है। हाल ही में दो किशोरों की मौत हुई है। यहां जंगली जानवर का भी आना जाना लगा रहता है, पहाड़ी क्षेत्र में पानी की रफ्तार बहुत तेज होती है, जिससे पानी में पैर रखते ही पैर फिसल जाता है और घटना का कारण बन जाता है।