पृथ्वी पर पाप बढ़ता है तो भगवान अवतार लेते हैं

Post by: Rohit Nage

इटारसी। जब-जब पृथ्वी पर पाप बढ़ता है, गौ, ब्राह्मण और संतों को सताया जाता है, तब-तब भगवान अवतार लेते हैं। ये उद्गार जमानी वालों की चाल बालाजी मंदिर के पास कथावाचक पं. देवेंद्र दुबे (Pt. Devendra Dubey) ने श्रीमद् भागवत कथा में कहे।
प्रारंभ में पं. देवेंद्र दुबे ने बताया देवराज इन्द्र द्वारा गुरु बृहस्पति का अपमान, नारायण कवच और विश्वरूप का वध तथा दधीचि ऋषि की हड्डियों से निर्मित विशेष अस्त्र वज्र से वृत्तासुर का वध और इन्द्र को ब्रम्ह हत्या। चित्रकेतु उपाख्यान और हिरण्यकशिपु को कठोर तपस्या से वरदान की प्राप्ति एवं भगवान नारायण द्वारा नरसिंह स्वरुप धारण कर हिरण्यकशिपु का उद्वार भक्त प्रह्लाद पर कृपा, गजेन्द्र मोक्ष की कथा, समुद्र मंथन एवं वामन अवतार उपाख्यान का वर्णन, नाभाग, अंबरीश, सगर एवं भगीरथ चरित्र के अंतर्गत गंगावतरण की कथा का विस्तृत वर्णन, त्रेतायुग में भगवान श्री राम की लीलाओं का वर्णन एवं द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के अवतार एवं नंदोत्सव के साथ चतुर्थ दिवस की कथा का मंगलमय समापन किया। श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। माखन, मिश्री, दूध, दहीं का प्रसाद बना कर बालकृष्ण को भोग लगाया, बधाइयां गाई गई।

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