– अब जनता ही लाट साहब, विकास के लिए सीएम विधायक के हाथ जोडऩे की जरूरत नहीं
– गांव में होने वाले छोटे-मोट झगड़े अब गांव के लोग मिलकर ग्रामसभा में ही हल कर लेंगे
– केसला ब्लॉक के ग्राम सहेली में मुख्यमंत्री ने पेसा जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित किया
– पेसा कानून के माध्यम से ग्रामसभाओं को मजबूत किया, कई अधिकारी दिये गये हैं
इटारसी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने आज आदिवासी विकासखंड केसला के ग्राम सहेली स्थित स्टेडियम में पेसा जागरुकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आदिवासी को पेसा एक्ट में दिये अधिकार बताये और ग्रामसभा की ताकत बतायी।
पेसा जागरुकता कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, सांसद उदय प्रताप सिंह, विधायक नर्मदापुरम डॉ.सीतासरन शर्मा, विधायक सिवनी मालवा प्रेमशंकर वर्मा, विधायक पिपरिया ठाकुरदास नागवंशी, विधायक सोहागपुर विजयपाल सिंह, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दर्शन सिंह, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया, जिला भाजपा अध्यक्ष माधवदास अग्रवाल सहित जिले के अनेक भाजपा नेता, कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब लोकतंत्र में जनता ही लाट साहब है। अब जंगल में साहब गिरी नहीं होगी। जंगल में रेंजर अब डेंजर हो गए हैं, लेकिन अब इनसे आदिवासी मजदूरों को डरने की जरूरत नहीं है। पेसा एक्ट जल, जंगल और जमीन से जुड़े अधिकार वापस दिलाने के लिए लागू कर रहा हूं।
अब ग्राम सभा अपने विकास का बजट तय करेगी, अब सीएम और विधायकों के हाथ जोडऩे की जरूरत नहीं है। दोपहर में आयोजित कार्यक्रम में चौहान ने मंच से कहा कि पेसा एक्ट किसी के खिलाफ नहीं है। मप्र के 89 इलाकों में इसे लागू किया जा रहा है।
नयी शराब या भांग दुकान नहीं
अब ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी नई शराब दुकान या भांग दुकान नहीं खोली जाएगी। सभा को ड्राय डे घोषित करने का अधिकार भी होगा। अवैध शराब गांव में नहीं बेची जाएगी। हर गांव मय खाना नहीं बनाना है। जंगलों में अभी तक ठेकेदार और मुठी भर लोग फायदा उठाते रहे।
ग्राम सभा में शांति और विवाद निवारण समिति बनाई जाएगी। ग्राम सभा की बैठक में पटवारी और बीटगार्ड को खसरा नकल रखना होगी। अधिसूचित इलाकों में पुलिस एफआईआर करेगी तो ग्राम सभा को बताना होगा। मेलों का आयोजन भी अब ग्राम सभा करेगी। नए कानून में बांध या किसी प्रोजेक्ट की जमीन अधिग्रहण बिना ग्राम सभा की अनुमति नहीं होगा, जिनकी जमीन वे फैसला करेंगे। कोई भी आपकी जमीन कपट से नहीं ले सकेगा।
धर्मांतरण सहन नहीं करेंगे
सीएम ने कहा कि मप्र में धर्मांतरण सहन नहीं करेंगे। आदिवासी बेटियों से विवाह कर उनकी जमीन हथियाने का षड्यंत्र मंजूर नहीं है, यदि आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा हुआ तो सभा इसे वापस ले सकेगी। बिना सहमति के पट्टा नीलाम नहीं होगा। गांव की खदानों पर भी आदिवासी समिति या हमारी बहन का पहला अधिकार होगा। गांव के तालाबों पर मछली-सिंगाड़ा पालन सभा करेगी। कोई कलेक्टर कमिश्नर (collector commissioner) तय नहीं करेगा। गांव का रुपया अब गांव में ही रहेगा।
अधिकारियों को बुलाकर समझाया
मुख्यमंत्री जिस वक्त संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कमिश्नर, कलेक्टर को अपने पास बुलाकर उनके सामने कहा कि ग्रामसभा को ये अधिकार दिये जा रहे हैं, ये अधिकारों का पालन यही लोग करेंगे, कलेक्टर या कमिश्रर को रोकने की जरूरत नहीं। इसी तरह से वन विभाग से कहा। जब उन्होंने डीएफओ को आवाज दी तो काफी देर तक कोई नहीं आया। पता चला कि वे ट्रेनिंग पर गये हैं। स्टेडियम के बाहर ड्यूटी पर तैनात एसडीओ दौड़ते हुए आये तो उनको कहा कि किसी आदिवासी को परेशान करने की जरूरत नहीं, अब ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित होकर काम होंगे।