इटारसी। कीरतपुर डेयरी फार्म में पिछले दिनों पेड़ कटाई के बाद उनको नीलाम करने के मामले में वन विभाग ने फार्म के प्रबंधन से कटे पेड़ की नीलामी की जानकारी मांगी है। विभाग के आला अधिकारियों ने इस संबंध के दस्तावेज की मांग की है, वहीं फार्म प्रबंधन का कहना है कि सारे दस्तावेज हैं, हमारे पास पत्र आएगा तो हम उपलब्ध करा देंगे।
उल्लेखनीय है कि मप्र कुक्कुट विकास निगम के पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कीरतपुर में अनुपयोगी बताकर करीब एक दर्जन पेड़ काटे गये थे। इसमें आम के पेड़ काटने की अनुमति ली गई थी और सागौन और शीशम के पेड़ भी काटने की बात सामने आ रही थी। हालांकि प्रबंधन ऐसी किसी भी बात से इनकार करके केवल आम के सूखे पेड़ काटने की बात कही है। जबकि सागौन के पेड़ किसी ओर के काटने का कहते हुए राजस्व विभाग को जानकारी देने की बात भी कही है।
पिछले माह पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कीरतपुर के कैंपस में कुछ पेड़ काटे गये हैं। प्रबंधन का कहना है कि इसके लिए अनुमति ली गई थी। जहां तक सागौन और शीशम के पेड़ भी काटने की बात है तो सागौन के सूखे पेड़ किसी ने काटकर लिये थे जिनकी जानकारी राजस्व विभाग को दी और वहां से पटवारी ने पहुंचकर जब्ती भी बनायी है। प्रबंधन का कहना है कि ये अनुपयोगी थे और सूख चुके थे। वन विभाग से अनुमति ली गई और बाकायदा इसके लिए अखबार में विज्ञापन भी दिया था। पेड़ काटने की पूरी प्रक्रिया अपनायी गयी है, इसमें कहीं कुछ गलत नहीं है। प्रबंधक एके श्रीवास्तव का कहना है कि ये पेड़ अनुपयोगी थे, सूख चुके थे। सागौन और शीशम के पेड़ काटने के सवाल पर कहा कि यहां शीशम नहीं है, जंगल में हैं। हमने तो केवल आम के सूखे पेड़ काटे हैं और इसका अखबार में इश्तिहार भी दिया था।
इनका कहना है…!
हां, हमें पेड़ काटे जाने की जानकारी प्राप्त होने पर रेंजर के माध्यम से पंचनामा तैयार कराया है। यदि पेड़ की नीलामी करायी है, और नियमानुसार प्रक्रिया अपनायी है तो हमने डेयरी फार्म प्रबंधन से नीलामी के दस्तावेज मांगे हैं।
अजय कुमार पांडेय, डीएफओ
हमने जानकारी ली है, उन्होंने हमें पत्र देकर सूखे पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी, हमने वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा था। बताया गया है कि उन्होंने राजस्व विभाग को जानकारी देने के बाद पेड़ काटे हैं, अभी मामले में और भी जानकारी मांगी है।
जयदीप शर्मा, रेंजर
हमने पेड़ कटाई के लिए वन विभाग को पत्र पूर्व में ही दिया था। पहले भी हमने विभाग को कागजात उपलब्ध कराये थे, जहां तक सागौन के पेड़ की बात है तो राजस्व विभाग को सूचित करके उनके सुपुर्द किये थे। वन विभाग जो भी दस्तावेज मांगेगा हम उपलब्ध कराएंगे।
एके श्रीवास्तव, प्रबंधक