इटारसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जानलेवा कोरोना वायरस से निबटने की गई जनता कर्फ्यू की अपील का बाजार और मुख्य मार्गों पर व्यापक असर देखा जा रहा है। हालांकि इस दौरान मोहल्लों में दुकानें भी खुली हैं और लोग आमदिन की तरह ही सड़कों पर घूम रहे और दुकानों पर खड़े होकर समय गुजार रहे हैं। जनता कर्फ्यू के दौरान संपूर्ण बाजार बंद है। हालात यह है कि इस दौरान होशंगाबाद के पास एक गांव जाने के लिए बस स्टैंड आया एक परिवार अपने बच्चों को न तो पानी पिला सका और ना ही उनको खाने के लिए कहीं एक बिस्कुट भी मिला।
संपूर्ण बाजार बंद है। महात्मा गांधी रोड पर सन्नाटा पसरा है। नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। पटरियों पर ट्रेनों का शोर नहीं है। रेलवे स्टेशन पर भी लगभग सन्नाटा है। ओवरब्रिज सूना है, इससे रेलवे स्टेशन आने वाली सड़क सूनी पड़ी है। मुख्य जयस्तंभ चौक के आसपास जहां सुबह से सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी रहती थी, जनता कर्फ्यू के कारण सुनसान है। बाजार और मुख्य मार्गों को देखकर तो यही लग रहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता देश की सरकार के साथ है।
लेकिन, मोहल्लों में थोड़ी सख्ती बरतने की जरूरत है। यदि पुलिस प्रशासन के अधिकारी वाहनों में एक या दो की संख्या में सायरन बजाते हुए निकलें और जो लोग बाहर हैं, उनको घर के भीतर रहने को कहें तो यहां भी स्थिति बेहतर हो सकती है। मोहल्लों में लोग मान ही नहीं हैं। कुछ युवाओं में तो आज भी बाइक दौड़ाने की होड़ लगी है। मोहल्लों के दुकानदारों को जनता कर्फ्यू से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में केवल प्रशासन ही पूरी तरह से इसका पालन करा सकता है।