समापन : पूर्णाहुति के साथ ही होगा भंडारे का आयोजन

Post by: Manju Thakur

होशंगाबाद। मां नर्मदा के दक्षिण तट के खरखेड़ी-टिगरिया के प्राचीन पटेघाट पर जारी श्रीराम चरित्र मानस महायज्ञ और रामकथा का दस दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का समापन सोमवार को हो रहा है। इस धार्मिक आयोजन के मुख्य सूत्रधार मां नर्मदा के अनन्य भक्त व समाजसेवी संत स्वामी श्री ब्रम्हानंद उदासीन महाराज की सद्प्रेरणा व सानिध्य में निरंतर 14 वे वर्ष में इस बार महायज्ञ, रामकथा और श्रीराम लीला की त्रिवेणी से पूरे क्षेत्र में श्री राममय वातावरण बना रहा। इस आयोजन में दर्जनों गांवों के हजारों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। महायज्ञ का आयोजन पं हरिओम दुबे के आचार्यत्व में हो रहा है।
स्वामी ब्रम्हानंद महाराज श्रीराम कथा व्यास गादी से विद्यावाचस्पति आचार्य डॉ रामाधार उपाध्याय मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के गुणानुवाद से श्रोताओं को भाव विभोर कर रहे हैं। अब श्रीराम कथा का समापन और महायज्ञ की पूर्णाहुति 25 नवंबर को होगी। समापन अवसर पर भंडारे का आयोजन किया जाएगा। आयोजन समिति के सदस्यों और ग्रामवासियों ने इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने की अपील की है। ज्ञातव्य है कि मां नर्मदा के तट पर पटेघाट और यहां पर बने प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार करने में संत ब्रम्हानंद महाराज ने विशेष रूची लेकर जीर्णोद्धार करवाते हुए घाट की जर्जर हालत में काफी सुधार करवाया है। इस धार्मिक अनुष्ठान में क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।

रामचरित मानस महायज्ञ की पूर्णाहुति
कथा स्थल के पास ही नर्मदा तट के समीप बनाई गई विशाल नो कुंडीय यज्ञशाला में प्रतिदिन 37 जोड़े आहुतियां छोड़ रहे हैं। वैदिक विद्वानों के द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ आज ग्राम वासी भी पूर्णाहुति में आहुतियां छोड़ेंगे। इसी के साथ बड़ी संख्या में लोग यज्ञ शाला की परिक्रमा कर रहे। श्रीराम कथा सुनने और श्रीरामलीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा तट के इस आयोजन में शामिल हुए। स्वामी संत श्रीब्रम्हानंद उदासीन ने श्रीरामकथा के समापन और महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ भंडारे में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने का आव्हान किया है।

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