इटारसी। शहर से सटे ग्राम साकेत (Village Saket) की युवती आयुषी बड़कुर (Ayushi Badkur) रोमानिया (Romania) से इटारसी (Itarsi) पहुंच गयी हैं। वे ट्रेन (Train) से इटारसी रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर उतरने के बाद एक कोने में खड़े पिता रामप्रकाश (Ramprakash) से गले मिली और रोने लगी। इस दौरान आयुषी को पिता ने ओरेंज बाईट चाकलेट (Orange Bite Chocolate) दी।
आयुषी फ्लाईट (Flight) से दिल्ली (Delhi) और ट्रेन से रात 9 बजे इटारसी पहुंची। यूक्रेन (Ukraine) के हालात बताते वह सहम जाती हैं। दो दिन यूक्रेनियन बार्डर (Ukrainian Border) पर परेशान रही। वहां कोई सेल्टर (Selter) नहीं होने से परेशान रही हैं। उनको माईनस (Minus) 9 डिग्री टेम्परेचर में खुले आसमान के नीचे 48 घंटे गुजरने पड़े। इस दौरान बारिश का भी सामना करना पड़ा। यूक्रेन बार्डर क्रास (Cross) करने के बाद रोमानिया (Romania) में राहत मिली। आयुषी ने बताया कि वहां के हालात काफी खराब हैं। लड़कों को मारा जा रहा है, जब वह भारत आ रही थीं तो उस वक्त लड़कियों को मारा जा रहा था। पोलैंड बार्डर (Poland Border) के हालत और भी खराब है। यूक्रेन में हमें यूक्रेनियन बोलने पर मजबूर किया जा रहा था। रोमानिया आने के बाद वहां के लोगों ने हमारी काफी मदद की खाना और रहने को दिया। रोमानिया के लोगों ने एक घरों में चार लडकियों को रहने की जगह दी और रोमानिया की इंडियन एम्बेसी ने काफी मदद की। आयुषी ने भारत सरकार की सराहना की है। इटारसी के छोटे से गांव साकेत की आयुषी बड़कुर यूक्रेन के टेरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (Ternopil State Medical University) में एमबीबीएस (MBBS) थर्ड ईयर (Third Year) की पढ़ाई कर थी।