इटारसी। अब कलेक्टर (Collector) या जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) मौसम के रुख को देखते हुए स्वत: संज्ञान लेकर स्कूल (School) का समय नहीं बदल सकेंगे। इसके लिए उनको स्कूल के प्रतिनिधि और अभिभावकों से चर्चा तथा आयुक्त लोक शिक्षण (Commissioner of Public Instruction), संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र (Director State Education Centre) की सहमति भी लेना अनिवार्य होगी।
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश के समस्त कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी के नाम आदेश जारी कर स्थानीय परिस्थिति, शीतलकाल एवं ग्रीष्मकाल में शाला के समय परिवर्तन में रोक लगा दी है। शीतकाल एवं ग्रीष्मकाल में अत्यधिक ठंड, गर्मी के दौरान शाला के समय परिवर्तन की जरूरत होती है। अब स्कूलों के समय में परिवर्तन संबंधित आदेश स्वत: संज्ञान लेकर जारी नहीं करने के आदेश हैं बल्कि विद्यालयों के प्रतिनिधियों एवं अभिभावकों से चर्चा कर एवं आयुक्त लोक शिक्षण, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र से सहमति लेकर ही जारी हो सकेंगे।
स्कूलों को उक्त आदेश पालन करने के लिए कम से कम एक दिन का समय देना होगा जिससे स्कूल एवं अभिभावकों को पर्याप्त व्यवस्था का समय मिल सके। शीतकाल में न्यूनतम 5 डिग्री से कम एवं ग्रीष्मकाल में 42 डिग्री से अधिक तापमान रहने की संभावना पर प्री-प्रायमरी से पांचवी तक की कक्षाएं बंद करने के संबंध में कलेक्टर निर्णय संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र से परामर्श उपरांत करेंगे।
अन्य अपरिहार्य परिस्थिति में आयुक्त लोक शिक्षण, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र से सहमति प्राप्त कर संबंधित कलेक्टर द्वारा शाला संचालन हेतु समय निर्धारित किया जा सकेगा। राज्य स्तर से निर्धारित विभिन्न परीक्षाएं निर्धारित समय पर आयोजित होंगी। इन निर्देशों का उल्लंघन होने पर डीईओ/डीपीसी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।