स्वयं से स्वयं की पहचान कराता है अल्पविराम

Post by: Rohit Nage

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नर्मदापुरम। पीएमश्री कालेज में एक दिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ताओं के साथ आयोजित किया। कार्यक्रम आनंद विभाग नर्मदापुरम टीम के सहयोग से किया। कार्यक्रम का शुभारंभ आनंदम सहयोगी राजेश मालवीय ने किया।

मास्टर ट्रेनर सुमन सिंह ने आनंद विभाग के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि स्वयं से स्वयं की मुलाकात करने का माध्यम है अल्पविराम और यह अवसर हमे आनंद विभाग देता है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाने और परिपूर्ण आनंदमयी जीवन जीने के लिए आनंद विभाग बनाया है, जिससे जुडक़र हम अपने भीतर छिपी कमियों की पहचान कर उनमें सुधार कर सकते हैं और अपने जीवन में निरंतर इस्तेमाल किया जा सकता है।

रामभरोस मीना ने अल्पविराम के सभी टूल्स आनंद की ओर और जीवन का लेखा जोखा पर प्रकाश डालते हुए विचार रखे। कौशल्या मीना ने अपने भीतर छिपी कमियों को पहचानने और अल्पविराम के माध्यम से सुधार किए जाने पर अपने अनुभव साझा किए। सुमन सिंह ने रिश्ते क्या रिश्ते क्यों जरूरी हैं और रिश्ते कैसे बनते एवं बिगड़ते हैं , इस पर अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि अल्पविराम के द्वारा माफी मांग कर या दिल से माफ करके और अपनी ओर से पहल कर बिगड़े रिश्तों को ठीक किया जा सकता है।

रिश्तों में सुधार कैसे आया इस पर आशा कार्यकर्ता ने अपने अनुभव बताए। इस दौरान आनंदम सहयोगी विलास नीले ने कहा कि आनंद विभाग के अल्पविराम कार्यक्रम से मुझे स्वयं को भी बहुत कुछ सीखने को मिला। इस तरह के कार्यक्रमों की आशा के लिए आवश्यकता है। कई आशा अपने विचार रखते हुए भावुक हो गई और कहा की आगे का जीवन हम बेहतर बनाएंगे।

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