वादा अनुसार नहीं दे रही विभाग बिजली, किसान परेशान

Post by: Poonam Soni

रीतेश राठौर, केसला। केसला ब्लॉक के कई गांवों में बिजली विभाग (electricity department) किसानों को वादे के अनुसार बिजली नहीं दे पा रहा है। विभाग ने 15-15 दिन में दिन और रात में बिजली देने का शेड्यूल तय तो किया है, लेकिन बमुश्किल छह घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। ऐसे में किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित है। आज केसला के ग्राम नयापोडार, जालीखेड़ा, चाटुआ, चांदकिया, कासदा से करीब दो दर्जन किसानों ने केसला विद्युत आफिस (Kesla Electricity Office) में आकर अपनी पीड़ा व्यक्त कर वितरण में सुधार की मांग की है।
आज सोमवार को ग्राम नयापोडर सहित अन्य गांवों के करीब दो दर्जन किसानों ने विद्युत मंडल केसला (Electricity Board Kesla) को ज्ञापन सौंपा। किसानों का कहना है कि उनको फसल के लिए विभाग अपने वादे अनुसार भी बिजली नहीं दे पा रहा है। जो शेड्यूल है, उसमें भी कटौती कर ली जाती है। दिन के वक्त बिजली कम मिल रही है जबकि रात में खेत में जाना जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। रात के वक्त सांप के काटने से एक लड़के की मौत हो चुकी है तो एक अन्य महिला को बमुश्किल बचाया जा सका है।

निर्धारित वक्त में कटौती न हो
किसानों का कहना है कि जो 15-15 दिन की शिफ्ट है, उसमें भी बिना सूचना अचानक बिजली काट ली जाती है। ऐसे में किसान अपनी फसलों का सिंचाई नहीं कर पाता है। किसानों को रातभर जागकर, कड़कड़ाती ठंड में अपने खेतों में पानी देना पड़ रहा है, ऐेसे में भी कटौती हो जाती है।

रात में है जान का खतरा
किसानों की मांग है कि 15-15 दिनों की की स्विफ्ट बंद करके दिन में बिजली दी जाए। रात के अंधेरों में सर्प, बिच्छू, कीड़े का डर बना हुआ रहता है। इसके पूर्व में दो लोगों को सर्प काट चुका है। एक लड़के की सांप काटने से की मौत हो चुकी है, दूसरे को मुश्किल से बचाया गया था।

इनका कहना है…
जो शेड्यूल निर्धारित है, उसके अनुसार भी बिजली विभाग पर्याप्त बिजली नहीं दे पा रहा है। फसलों में सिंचाई की समस्या आ रही है। रात में दो लोगों को सांप काट चुके हैं। हम अपनी परेशानी बताने यहां बिजली विभाग के दफ्तर आये हैं।
संपतलाल यादव (Sampat Lal Yadav, Farmer Podar)

किसानों को खेती के लिए पानी चाहिए। विभाग को बिजली भी किसानों की मांग के अनुसार देना चाहिए। इसी मांग को लेकर आज किसान यहां आए थे। हमसे उच्चाधिकारियों तक बात पहुंचाने को कहा है, यदि मांग नहीं मानी तो हम फिर आएंगे।
फागराम (Fagram, District Member)

 

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