संयुक्त मोर्चा के आंदोलन को डिप्लोमा इंजीनियर्स ने दिया समर्थन

संयुक्त मोर्चा के आंदोलन को डिप्लोमा इंजीनियर्स ने दिया समर्थन

होशंगाबाद। मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएसन (MP Diploma Engineers Association) ने संयुक्त मोर्चा आंदोलन को समर्थन दिया है। संगठन 4 अगस्त को संयुक्त मोर्चा की मांगों के समर्थन में ज्ञापन भी देगा।
मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भदौरिया (Provincial President Rajendra Singh Bhadauria), वरिष्ठ उपप्रांताध्यक्ष सुरेश द्विवेदी (Senior Vice President Suresh Dwivedi) ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव (Principal Secretary Umakant Umrao) को प्रेषित पत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 17 कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चे के द्वारा 22 जुलाई 2021 से चलाये जा रहे आंदोलन को समर्थन दिया है। प्रेषित पत्र में स्पष्ट किया है कि संयुक्त मोर्चे की मांगों के साथ निम्न मांगों को लेकर 04 अगस्त 2021 को संभागायुक्त के माध्यम से प्रमुख सचिव को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। उक्त जानकारी मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएसन के जिलाध्यक्ष केजी माहेश्वरी, सचिव आरके पाठक मनरेगा विभागीय समिति के अध्यक्ष एवं संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक डी के उपाध्याय ने दी है।
आंदोलनकारियों की मांग है कि विगत दिनों गंधवानी में पदस्थ उपयंत्री प्रवीण पवार के आत्महत्या के कारणों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही तथा मृतक के आश्रितों को 50 लाख की अनुग्रह राशि दी जाए, संविदा पर कार्यरत उपयंत्रियों को नियमितीकरण करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग ने ग्रामीण विकास विभाग से विस्तृत संक्षेपिका चाही है, परंतु 01 वर्ष की अवधि व्यतीत होने पर भी विभाग द्वारा संक्षेपिका प्रेषित नहीं की है। 500 संविदा उपयंत्रियों के नियमितीकरण का मामला अधर में लटका रखा है मांग की गई है कि संक्षेपिका सामान्य प्रशासन विभाग को तत्काल उपलब्ध कराई जाए, मनरेगा योजना मांग आधारित है अर्थात मजदूरों द्वारा रोजगार की मांग करने पर एक जॉबकार्ड पर एक वर्ष में 100 दिवस का रोजगार देने का प्रावधान है परंतु अधिकारियों ने इसे लक्ष्य आधारित बना लिया है। प्रतिदिन मजदूरों की संख्या बढ़ाने पर सख्ती से मानीटरिंग की जा रही है, इससे उपयंत्री, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक तनाव में कार्य कर रहे हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं। यदि मांगों संतोषप्रद निराकरण नहीं होता है तो मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएसन आंदोलन हेतु बाध्य होगा।

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