मैं उस रात ठीक से सो नहीं सका : विवेक सागर प्रसाद

Post by: Rohit Nage

  • गृहनगर में पत्रकारों से बातचीत में विवेक ने शेयर किये ओलिंपिक के अनुभव

इटारसी। पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मैडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य और इटारसी के निवासी हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद आज गृह नगर इटारसी पहुंचे। यहां उनका जिला हॉकी संघ के सदस्यों ने गर्म जोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष प्रशांत जैन, कार्यकारी अध्यक्ष शिरीष कोठारी, सचिव कन्हैया गुरयानी, वरिष्ठ खिलाड़ी जयराज सिंह भानू, उपाध्यक्ष राहुल चौरे भी मौजूद थे। संचालन हिमांशु बाबू अग्रवाल ने किया।

दोपहर में विवेक सागर ने मीडिया से बातचीत की। विवेक सागर एक सवाल के जवाब में कहा कि जिस दिन जर्मनी से हमने सेमीफाइनल मैच हारा था, उस रात उन्हें नींद नहीं आयी। सारी रात अपनी कमियों पर विचार किया। सुबह टीम मीटिंग में सबने तय किया कि हमें खाली हाथ नहीं जाना है, देश को पदक की उम्मीद है, उसे हर हाल में पूरा करना है, इसके बाद हमने ब्रॉन्ज के लिए जी जान लगाकर खेला और जीत हासिल की।

विवेक सागर ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि उनकी जिंदगी में बदलाव की बड़ी कड़ी वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद रहे, वे एक टूर्नामेंट में बतौर मुख्य अतिथि आये और उनकी नजर पड़ी तो आज मैं यहां हूं। उन्होंने कहा कि वे भी भविष्य में इसी तरह से नवोदित खिलाडिय़ों को आगे लाने का प्रयास करेंगे और अपने वरिष्ठों से भी यही उम्मीद करेंगे कि हॉकी की बेहतरी के लिए हमें नवोदित खिलाडिय़ों को हर संभव मदद करनी चाहिए।

उन्होंने जिला हॉकी संघ के प्रति भी अपना आभार जताया और कहा कि संघ लगातार खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करके आगे भेज रहा है। उन्होंने अपने हॉकी मैच से जुड़े किस्सों की याद ताजा करते हुए कहा कि जर्मनी के मैच के बाद उन्हें रात भर नींद नहीं आई। बस यही बात दिमाग में घूमती रही कि गलती कहां हुई। विवेक ने कहा कि हमारे मध्यप्रदेश में हॉकी की बहुत सी प्रतिभाएं हैं जिन्हें पर्याप्त एक्सपोजर नहीं मिल पाता हैं ऐसे खिलाडिय़ों को बाहर निकालने के लिए खेल से जुड़े अनुभवी लोगों को उनके बीच जरूर जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इटारसी के दो खिलाडिय़ों का चयन जूनियर इंडिया कैंप के लिए हुआ है जो देश की टीम का प्रवेश द्वार है। उनका वहां होना हमारे लिए बड़ी बात है। हम खेलमंत्री और मुख्यमंत्री से भी निवेदन करेंगे कि इटारसी की हॉकी की उपलब्धि को देखते हुए यहां एस्ट्रोटर्फ जल्द लगवाने की व्यवस्था करें ताकि और भी नए बच्चे इस खेल में आगे आ सकें। उन्होंने कहा कि नए खिलाडिय़ों के आगे आने में उनके अभिभावकों की बड़ी भूमिका रहती है, वे उनकी रुचि को पहचानकर उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें।

विवेक ने कहा कि कई देशों में ग्रास रूट लेबल से खिलाडिय़ों को सुविधा मिलती है, तो वे कम उम्र से ही खेल में अपना सर्वोच्च देकर बड़े खिलाड़ी बन जाते हैं, हमारे यहां भी ऐसा होना प्रारंभ हो गया है। हॉकी की बेहतरी के लिए इटारसी जैसे शहर में जहां हॉकी को इतना प्यार मिलता है, एस्ट्रोटर्फ जैसी सुविधा मिलनी चाहिए ताकि यहां से और भी अच्छे खिलाड़ी निकल सकें।

Leave a Comment

error: Content is protected !!