शासकीय जर्जर स्कूल भवन में जनहानि हुई तो प्रशासन होगा जिम्मेदार

Post by: Rohit Nage

  • विधायक के निर्देश पर भी अधिकारियों ने केवल पत्राचार की रस्म अदायगी की
  • पार्षद एवं सभापति राकेश जाधव ने की क्षतिग्रस्त शाला भवन गिराने की मांग

इटारसी। सागर में हुई घटना से भी काफी पहले वर्ष की शुरुआत में विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने प्राथमिक सिंधी शाला और कस्तूरबा शाला इटारसी के जर्जर भवनों को गिराने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे। उनके निर्देश के बाद जीर्ण-शीर्ण स्कूलों की जानकारी के लिए जनपद शिक्षा केन्द्र नर्मदापुरम के स्कूलों में निरीक्षण कर लोक निर्माण विभाग ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद शिक्षा केन्द्र को पत्र दिया था। लंबे समय से केवल पत्राचार करके रस्म अदायगी कर दी गई। अब पार्षद राकेश जाधव ने पुन: प्रशासन का ध्यान इस समस्या पर दिलाया है।

नगर पालिका में स्वास्थ्य विभाग के सभापति राकेश जाधव ने कहा की वार्ड 23 कस्तूरबा कन्या शाला का पुराना भवन जर्जर हो चुका है। नियमित कक्षा भी लग रही हैं हमारे द्वारा दो साल से इस भवन को गिराने की शिकायत की जा रही है, लेकिन प्रशासन दो साल से केवल कागज का पेट भर खाना पूर्ति करने में लगा है।

जिला परियोजना अधिकारी, इटारसी एसडीएम और लोक निर्माण विभाग द्वारा केवल प्रचार किया गया। बरसात में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर पूर्ण रूप से प्रशासन जिम्मेदार होगा। हमें सागर में हुई दुखद घटना से ही सबक लेना चाहिए।

इन स्कूलों की हालत खराब

  • प्राथमिक सिंधी शाला इटारसी की छत की कांक्रीट गिर रही है, स्लैब में जगह-जगह जंक लग गई है एवं कई जगह टूट गई है। दीवारों पर प्लास्टर गिर गया है, ईंटों ने ज्वाइंट छोड़ दिये हैं, स्लैब भी खराब हो गयी है, फ्लोर भी बैठ गया है। स्कूल की हालत जीर्ण-शीर्ण हो गयी है। स्कूल का निर्माण करीब तीस वर्ष से अधिक समय पूर्व 1991 में हुआ था।
  • कस्तूरबा शाला की ब्रिक वर्क में क्रेक आ गये हैं। स्लैब का कांक्रीट टूट गया है, स्लैब बीम में भी स्टील निकल गया है, फ्लोर क्रेक हो गया है, दरवाजे, खिडक़ी भी टूट गये हैं। स्कूल का निर्माण कार्य वर्ष 1993 में हुआ था। लोक निर्माण विभाग ने इन स्कूल भवनों को मार्च 2024 में कंडम घोषित कर दिया है।

एसडीएम ने भी लिखा पत्र

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व टी प्रतीक राव ने भी विकासखंड स्रोत समन्वयक को दो माह पूर्व लिखे पत्र में शासकीय कस्तूरबा प्राथमिक कन्या शाला गांधीनगर के शाला भवन का कुछ भाग जीर्ण-शीर्ण बताते हुए इसे नष्ट करने के लिए निर्देश दिये थे। साथ ही यह भी कहा था कि कार्यवाही से अवगत करायें। लेकिन, दो माह बाद भी कार्य नहीं किया गया। आखिरकार अब पार्षद को भी आगे आना पड़ा है। देखना होगा कि संबंधित अधिकारी मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं, क्योंकि अब तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के भी निर्देश हो गये हैं।

इससे पहले जिला शिक्षा केन्द्र ने कार्यपालन यंत्री को जनवरी 23 में पत्र लिखकर शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के पुराने भवनों को जीर्ण-शीर्ण घोषित कराने पत्र लिखा था। इसमें नर्मदापुरम ब्लॉक की शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला कस्तूरबा इटारसी, शासकीय प्राथमिक शाला सिंधी इटारसी तथा केसला ब्लॉक की शासकीय माध्यमिक शाला घाट और शासकीय प्राथमिक शाला नागपुरकलॉ का जिक्र था। पत्राचार तक सीमित इन औपचारिकताओं में असल कार्यवाही कब होगी, इसका इंतजार है।

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