जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ रथ पर विराजे, मार्ग में हुई आरती

Post by: Rohit Nage

इटारसी। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जन्म कल्याणक पर गुरुवार को परंपरागत रथ यात्रा निकाली गई। कावेरी इस्टेट के आदिनाथ मंदिर में अभिषेक व शांतिधारा के बाद रथ यात्रा प्रारंभ हुई जो न्यास कॉलोनी के मुख्य मार्ग कीर्ति स्तंभ से होते हुए पुन: आदिनाथ जिनालय आई।

मार्ग में घरों के सामने धर्मावलंबियों ने भगवान की आरती उतारी। मंदिर में महा मस्तकाभिषेक किया। मूलनायक आदिनाथ भगवान का प्रथम अभिषेक एवं प्रथम शांति धारा करने का सौभाग्य वर्धमान बाहुबली परिवार प्रशांत जैन व पीयूष जैन को प्राप्त हुआ। अष्टधातु निर्मित प्रतिमाओं की प्रथम शांति धारा एवं द्वितीय शांति धारा का सौभाग्य अरविंद जैन आरएमएस एवं अजंता परिवार के अजय कुमार विजय कुमार जैन को प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम में सकल जैन समाज के अध्यक्ष संजय जैन, तारण तरण जैन समाज के अध्यक्ष मोहनलाल जैन, ईदगाह जैन मंदिर के अध्यक्ष अरुण गोयल, श्वेतांबर जैन मंदिर के अध्यक्ष राजकुमार संचेती, पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अध्यक्ष पीयूष जैन, समाज के गणमान्य नागरिक ताराचंद जैन, मुकेश कुमार जैन, अरविंद कुमार जैन, जिनेंद्र जैन, प्रशांत जैन, अरविंद गोयल, अनिल जैन, दिनेश गोठी, सुनील दर्डा, सुभाष जैन, सुधीर जैन, प्रकाश मोदी, सुनील बैसाखिया, अजित जैन, अनुराग जैन, मनीष जैन, धर्मेश सिंघवी, आजाद जैन, महावीर जन्म कल्याणक समिति प्रवक्ता शैलेष जैन, आनंद जैन, अजय जैन, आयुष जैन, विजय जैन उपस्थित थे। रथयात्रा में महिला मंडल की सदस्यों ने भी उत्साह से भाग लिया।

इसी अवसर पर विद्यासागर निलय संत निवास का लोकार्पण हुआ। समाज के वरिष्ठजनों ने दीप प्रज्वलित किए। बतौर अतिथि विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा की धर्मपत्नी कल्पना शर्मा और नपाध्यक्ष पंकज चौरे मौजूद थे। अध्यक्षीय उद्बोधन आदिनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष दीपक जैन ने दिया। मंच संचालन महावीर जन्म कल्याणक समिति अध्यक्ष नीलेश जैन ने किया। दोपहर में पात्र भावना हुई। शाम 7 बजे भक्तामर पाठ एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। नाटिका सम्राट से मुनिराज बनने की गाथा का मंचन किया गया।

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