रिवीजन टेस्ट और अर्धवार्षिक परीक्षा के आधार पर होगा मूल्यांकन
होशंगाबाद। कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं एवं 11वीं की वार्षिक परीक्षा नहीं लेने का निर्णय लिया है। अब विद्यार्थियों का मूल्यांकन अकादमिक सत्र के दौरान लिए रिवीजन टेस्ट और अर्धवार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा।
प्रदेश में वर्तमान कोरोना संक्रमण के विस्तार और जिलों में कोरोना कफ्र्यू की स्थिति के दृष्टिगत स्कूल शिक्षा विभाग ने इस आशय के आदेश जारी किए हैं। सभी शालाओं को 30 अप्रैल 2021 तक परीक्षा परिणाम घोषित कर विद्यार्थियों के लिए विमर्श पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है।
ऐसे होगा मूल्यांकन
आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत (Commissioner Public Education Jayashree Kiyawat) ने बताया कि विभाग द्वारा 20 नवंबर से 28 नवंबर तक लिए रिवीजन टेस्ट और 1 फरवरी से 9 फरवरी तक आयोजित अर्धवार्षिक परीक्षा में से विद्यार्थियों द्वारा जिसमें बेहतर अंक प्राप्त किए हो, उसके आधार पर कक्षा नौवीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। परीक्षा परिणाम की गणना बेस्ट फाइव के आधार पर की जाएगी, यदि विद्यार्थी छह में से पांच विषय में पास है और एक विषय में न्यूनतम निर्धारित 33 अंक प्राप्त नहीं कर सका हो तो भी उसे पास घोषित किया जाएगा।
कृपांक के रूप में 10 अंक
एक से अधिक विषयों में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए अधिकतम 10 अंक कृपांक के रूप में प्रदान किए जा सकेंगे। कृपांक के अधिकतम 10 अंक आवश्यकतानुसार एक से अधिक विषयों में भी आवंटित किए जा सकेंगे। कृपांक के उपरांत भी यदि विद्यार्थी को दो अथवा अधिक विषयों में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त नहीं हुए हो तो उसे परीक्षा के लिए द्वितीय अवसर मिलेगा। ऐसे विषय जिनमें विद्यार्थी द्वारा पूर्व परीक्षा में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त नहीं किए गए थे, उन्हें उन विषयों में पुन: परीक्षा देनी होगी। द्वितीय अवसर उन विद्यार्थियों को भी मिलेगा जो रिवीजन टेस्ट एवं अर्धवार्षिक परीक्षा दोनों में से किसी भी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए थे लेकिन उन्होंने सत्र 2020-21 में शासकीय विद्यालय में प्रवेश लिया था।