शरद पूर्णिमा पर काव्य संग्रह ‘चलो इंद्रधनुष हो जाएं’ का विमोचन

शरद पूर्णिमा पर काव्य संग्रह ‘चलो इंद्रधनुष हो जाएं’ का विमोचन

इटारसी। कविवर पं. भवानी प्रसाद मिश्र ऑडिटोरियम (Poet Pt. Bhavani Prasad Mishra Auditorium) में काव्य संग्रह चलो इंद्रधनुष हो जाएं (Let’s be Rainbow) का विमोचन हुआ। काव्य संग्रह प्रशासनिक अधिकारी, संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य जयप्रकाश ‘जय’ रचित है। अतिथियों डॉ.प्रकाश उपाध्याय, रतलाम, डॉ.सुधीर शर्मा,भोपाल (Bhopal), चंद्रकांत अग्रवाल इटारसी (Itarsi) व एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी (SDM Madan Singh Raghuvanshi) के स्वागत के बाद मेजबान कवि जय प्रकाश जय ने स्वागत भाषण, अतिथियों का परिचय एवं अपनी कविता के बारे में बताया। स्कूल कॉलेज के समय से साहित्य का एक बीज मस्तिष्क में था, जो मां नर्मदा (Mother Narmada) की पवित्र भूमि में आकर प्रस्फुटित हुआ। उन्होंने इस हेतु नर्मदापुरम जिले के तीन महान साहित्यकारों माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi), भवानी प्रसाद मिश्र (Bhavani Prasad Mishra) तथा हरिशंकर परसाई (Harishankar Parsai) को भी याद किया। उन्होंने बताया कर्तव्य के दौरान यात्रा के समय जो समय खाली होता था, उस समय दिमाग में बहुत विचार चलते रहते थे, तो सोचा की इन्हें शब्दों और वाक्यों का आकार देकर कुछ रचा जाए। यह पहला काव्य संग्रह ‘चलो इंद्रधनुष हो जाएं’ उसी की अभिव्यक्ति है। कविताओं में आम लोगों के जीवन को ही आधार बनाया है। मुख्य अतिथि ,काव्य संग्रह की भूमिका लिखने वाले एवं काव्य संग्रह का नामकरण करने वाले महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय भोपाल (Maharani Laxmibai Girls Post Graduate College Bhopal) के प्रो. एवं कवि डॉ. सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि जयप्रकाश ‘जय’ की कविताएं मनोभावों की सहज, सरल अभिव्यक्ति है। इस संग्रह की कविताओं में जीवन की अनुभूतियों के अनेक रंग है,आस्था है, विश्वास है, प्रेम है, कर्म है और अपराजित इच्छा शक्ति भी है जो निरंतर संघर्षरत रहने की प्रेरणा देती हैं। अध्यक्षता कर रहे शासकीय कवि जय के गुरु, महाविद्यालय सैलाना जिला रतलाम के पूर्व प्राचार्य डॉ. प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि जय जाबरा महाविद्यालय में अध्यापन के दौरान मेरे प्रिय तथा प्रतिभावान छात्र रहे हैं। इनकी कविताएं रिश्ते, जि़न्दगी, प्रकृति और संवेदनाओं का अद्भुत मिश्रण है। कविताओं को पढऩे पर लगता है कि वे आम आदमी के मन की बात कहती हैं। जिन कविताओं में यह गुण होता है वे कविताऐं पाठकों की भी पसंद होती है। विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध साहित्यिकार चन्द्रकांत अग्रवाल, इटारसी ने अपने संबोधन में कहा कि इस काव्य संग्रह का विमोचन इटारसी शहर में होना, शहर के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि जो प्रशासनिक अधिकारी रचनात्मक और साहित्यिक गतिविधियों से जुड़ा होता है वो सरल, संवेदनशील और सहज होता है। उनकी कविताएं सूर्यकांत त्रिपाठी निराला से प्रेरित लगती हैं।
विशेष अतिथि एसडीएम मदनसिंह रघुवंशी ने कहा कि आप अपनी रचनात्मकता को बनाये रखें। आपकी कविताऐं एवं कविता संग्रह लोकप्रियता की बुलंदीयों को छुऐं यह शुभकामना है। समारोह को श्री जय के बड़े भाई जगदीश चन्द्र यादव तथा सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य श्रीमती चंद्रकांता सिंह ने भी संबोधित किया। श्री जय के भतीजे दर्शन यादव, सहायक कमांडेंड सीआरपीएफ, भोपाल ने आभार प्रकट किया। संचालन चन्द्रेश मालवीय ने किया।

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AUTHORRohit

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