इटारसी। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi in Ayodhya) के लिए जमीन खरीदी मामले में फिर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई एक उदाहरण बतायें जिसमें महज आधे घंटे में किसी जमीन की कीमत 9 गुना बढ़ी हो। दो करोड़ की जमीन की कीमत 18 करोड़ कैसे हो गयी? यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है। हम तो प्रारंभ से ही कह रहे हैं कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण साधु संतों को लेकर बने रामालय ट्रस्ट (Ramalaya Trust, Ayodhya) के माध्यम से होना चाहिए।
श्री सिंह आज यहां इटारसी में गोठी परिवार में समीरमल गोठी (Sameermal Gothi)के निधन के बाद उनके 5 वी लाइन स्थित गोठी निवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने आये थे। यहां उन्होंने समस्त परिवारजनों से मुलाकात की। इसके बाद सिंह ने रेस्ट हाउस में पत्रकारो से भी चर्चा करते हुए उन्होंने भाजपा और सरकार को घेरा। पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने कहा कि यदि पेट्रोलियम मंत्री कहते हैं कि दाम नहीं घटाये जा सकते, खजाना खाली है तो फिर कोरोनाकाल में जिन कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया है, उनसे पैसा लिया जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस कोरोनाकाल में कार्पोरेट घरानों के टैक्स में तो कमी की, लेकिन आमजन की जरूरतों की चीजों के दामों में बेतहाश वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इसे सूट-बूट की सरकार इसलिए कहा था।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण कोरोना के पहली लहर में गरीब और दूसरी लहर में मध्यम वर्ग को खत्म कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हमने सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन किये, हम पर धारा 188 के मुकदमे भी दर्ज हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर है। मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारियों का गठजोड़ है और यह कार्यकाल शासन का नहीं बल्कि व्यवसाय का रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने रेत माफिया का जिक्र करके होशंगाबाद और बुदनी के गांवों में हो रहे अवैध उत्खनन का जिक्र किया और इसमें सीएम के परिजनों की संलिप्तता होने की बात कही।