– भगवान शिव व माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक
इटारसी। सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया रविवार 31 जुलाई को रवि, ध्रुव योग में मनाया जाएगा। हरियाली तीज का त्योहार नाग पंचमी से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं।
मां चामुंडा दरबार भोपाल के पुजारी गुरू पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस तीज को छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से जाना जाता है। आज महिलाएं सोलाह श्रंृगार करेंगी। भगवान शिव व माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक: हरियाली तीज का त्योहार भगवान शिव व माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं व सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। महिलाएं नए वस्त्र, विशेषत: हरी साड़ी में सजधज कर अपने मायके जाती हैं व तीज के गीत गाते हुए हर्षोल्लास के साथ झूलने का आनन्द लेती हैं व यह त्योहार मनाती हैं।
हरियाली तीज 2022 शुभ मुहूर्त
- तृतीया तिथि प्रारंभ – जुलाई 31, 2022 को दिन में 02:59 बजे से
- तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 01, 2022 को दिन 04:18 बजे तक।
हरियाली तीज पर बन रहा रवि, ध्रुव योग
हरियाली तीज पर रवि, धु्रव योग का शुभ संयोग बन रहा है। रवि योग को ज्योतिष शास्त्र में शुभ फलदायी माना जाता है। इस योग में किए गए कार्य को श्रेष्ठ माना जाता है। रवि योग 31 अगस्त को शाम 02 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 1 अगस्त को सुबह 06 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
हरियाली तीज की पूजा की विधि
इस दिन सुहागन स्त्रियां स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहनती हैं। फिर पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। अब शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। इसके बाद अब गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। अगस्त में भयानक वर्षा के साथ बाढ़, आंधी, तूफान, प्राकृतिक आपदा, अकाल मोत से भगवान शिव रक्षा करें।