उच्चारण की शुद्धता, लेखन के लिए आवश्यक: डॉ. व्यास

Post by: Poonam Soni

होशंगाबाद। शासकीय नर्मदा महाविद्यालय (Government Narmada College) के हिंदी विभाग द्वारा विश्व बैंक परियोजना (world bank project) के अंतर्गत रचनात्मक लेखन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें निबंध, कविता, कहानी आदि विधाओं में रचनात्मक रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया गया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रस्तुत करते हुए डॉ. एच एस द्विवेदी ने बताया कि लेखन कैसे किया जाता है, उन्होंने कहा स्वयं के विचारों को लिपिबद्ध करने के बाद एक नई रचना निर्मित होने का भाव उत्पन्न होना चाहिए। कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्य डॉ. ओ.एन.चौबे (Principal Dr. ON Choubey) के स्वागत उद्बोधन से हुआ। मुख्य वक्ता डॉ. संतोष व्यास ने अपने वक्तव्य में बताया कि संवेदनशीलता, भाषा तथा उच्चारण की शुद्धता, लेखन के लिए आवश्यक है। डॉ. बी.सी. जोशी ने अपने संबोधन में बताया कि इतिहास गवाह है कि साहित्य से क्रांति होती रही है। डॉ. हंसा व्यास ने अपने उदबोधन में कलम को सबसे बड़ी ताकत बताया। आशा ठाकुर, डॉ अर्पणा श्रीवास्तव, डॉ कल्पना विश्वास, छात्रा वैशाली प्रधान ने भी अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।

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