सूदखोर की जमानत भी निरस्त
इटारसी। भारतीय जीवन बीमा निगम(Life Insurance Corporation of India) कार्यालय के पीछे रहने वाले प्रशांत शाह(Prashant shah) की हत्या के आरोपियों की आज लगी जमानत अर्जी(Bail application) कोर्ट ने खारिज कर दी। इसके अलावा एक अन्य मामले में सूदखोर हरदास अहिरवार की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी गई है। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया ने जमानत का घोर विरोध किया था।
उल्लेखनीय है कि न्यास कॉलोनी का बहुचर्चित प्रशांत शाह हत्याकांड(Prashant Shah massacre) में आज जेल में बंद आरोपी तुलसी रैकवार के जमानत आवेदन पत्र पर सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजय पांडे के न्यायालय में की गई। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक इटारसी भूरेसिंह भदौरिया(Bhuresingh Bhadoria) ने उपरोक्त जमानत आवेदन पत्र का विरोध कर तर्क दिया कि इटारसी का बहुचर्चित हत्याकांड है, आरोपियों ने रॉड, तलवार, बेसवॉल एवं चाकू से मारपीट कर हत्या की है। आरोपियों ने एक राय होकर प्रशांत शाह पर हमला कर हत्या की है, जमानत दी गई तो अपराधियों के हौसले बुलंद हो जाएंगे, समाज में गलत मैसेज जाएगा, जमानत निरस्त की जाए। न्यायालय ने आरोपी तुलसी रैकवार का जमानत आवेदन पत्र निरस्त कर दिया।
सूदखोर की जमानत निरस्त
एक अन्य मामले में इटारसी के कुख्यात सूदखोर हरदास अहिरवार निवासी नाला मोहल्ला द्वारा आत्महत्या के लिये प्रेरित करने वाले मामले में धारा 306 आईपीसी में आज आरोपी हरदास की जमानत पर भी सुनवाई की गई। कहानी कुछ इस प्रकार है कि आरोपी हरदास से मृतक बैजनाथ ने कुछ पैसे ब्याज पर उधार लिए थे। आरोपी ने कोरे चेक, रजिस्ट्री ले रखी थी, ब्लेक मेल करता था। इससे परेशान होकर बैजनाथ ने आत्महत्या कर ली थी। ज़मानत आवेदन पत्र की सुनवाई भी आज तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजय पांडे की न्यायालय में की। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया ने जमानत का घोर विरोध कर तर्क दिया कि आरोपी इटारसी शहर का कुख्यात सूदखोर है। 20 फीसद ब्याज वसूली से तंग आकर आत्महत्या करने के लिये मजबूर कर दिया और आरोपी की प्रताडऩा के कारण ही आत्महत्या की है। जमानत दी तो सूदखोरों के हौसले बुलंद होंगे। न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त कर दी।