कविता: भारत का मान बढ़ाया

कविता: भारत का मान बढ़ाया

ब्रॉन्ज मेडल जीत
ओलंपिक में तूने विवेक,
भारत का मान बढ़ाया।

विवेक ओलंपिक में कर गोल तूने,
हम सबका का मान बढ़ाया।

होशंगाबाद गांव चांदोन से निकल विवेक
टोक्यो ओलंपिक में भारत मान बढ़ाया।

विवेक तेरे रग रग में था
हॉकी खेल समाया ,
और भरा था दिल में जोश।
अनगिनत सफलता पा तूने,
कभी ना खोया होश।

जब जब घूमी हॉकी तेरी
प्रतिद्वन्दी था घबराया।
फिस्स हो जातीं सारी चालें,
कुछ भी समझ ना आया।

विवेक तेरे जज्बे और जुनून ने,
भारत का मान बढ़ाया।

राजेश मालवीया
ग्राम–भीलाखेड़ी,इटारसी, होशंगाबाद (म. प्र.)

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