pati ki aagya na maanana sati ko bhari pada

पति की आज्ञा न मानना सती को भारी पड़ा

इटारसी। साईं नगर कॉलोनी न्यू यार्ड में प्रज्ञा श्याम सुंदर भवन (आश्रम) एवं काले महादेव खेड़ापति माता मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में श्री राम कथा के तीन दिवसीय प्रवचन के दौरान श्री महंत प्रज्ञा भारती ने प्रथम दिवस सती एवं शिव के जीवन की कथा सुनाई।
व्यासपीठ से काग सिला पीठाधीश्वर श्री महंत साध्वी डॉ प्रज्ञा भारती (Shri Mahant Sadhvi Dr. Pragya Bharti) ने शिव एवं सती की कथा को विस्तार देते हुए कहा कि सती, पति भगवान शंकर की अनुमति के बिना पिता दक्ष के घर आयोजित यज्ञ में चली गयी थी, वहां जाकर देखा तो दक्ष ने भगवान शिव के लिए कोई स्थान नहीं रखा था, जिसे देखकर सती का क्रोध बढ़ा और ऐसी परिस्थिति आ गयी कि आखिर में उन्होंने स्वयं को अग्नि में समर्पित कर दिया। प्रज्ञा भारती ने कहा कि राम चरित मानस की शुरुआत में शिव चरित्र का वर्णन मिलता है। क्योंकि शिव के कारण ही प्रभु श्री राम का धरती पर अवतरण हुआ था।
कथा के प्रथम दिवस पर प्रज्ञा भवन (आश्रम) के लिए भूमि दान करने वाले नलिन पटेल सहित कुंवर सिंह सैनी, राधेश्याम गौर, प्रमोद यादव, मनोज मिश्रा, गौरव जोशी, सौरभ जोशी, कृष्णा जोशी, धनराज कुशवाह, मदनलाल शर्मा, धनसिंह ठाकुर, बहादुर राजपूत, घासीराम, गणेश मेहरा, मनोज मेहरा सहित अन्य ने व्यास पीठ एवं साध्वी प्रज्ञा भारती को पुष्पहार अर्पित किए। इस अवसर पर साई नगर कालोनी सहित संपूर्ण यार्ड क्षेत्र के हजारों धार्मिक बंधु बहने कथा श्रवण करने पहुचे। भवन के ट्रस्टी प्रमोद पगारे ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर 2.30 बजे से 5 बजे तक प्रज्ञा भारती के प्रवचन होंगे।

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