शोध केंद्र इतिहास विभाग में प्री पीएचडी वायवा संपन्न हुआ

Post by: Aakash Katare

नर्मदापुरम। राष्ट्रवादी और सबअल्टर्न इतिहास लेखन पर आधारित शोध प्रबंध पर शा.नर्मदा महाविद्यालय नर्मदापुरम ( Govt Narmada College Narmadapuram) के शोध केंद्र इतिहास विभाग (History Department) में पीएच (PHD) डी उपाधि हेतु प्री वायवा आयोजित किया गया।

डॉ.बीसी जोशी (Dr.BC Joshi) के मार्गदर्शन में कुमारी रिचा तिवारी एवं कुमारी दीपशिखा चौधरी का प्री.पीएचडी वायवा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
रिचा तिवारी के शोध का विषय भोपाल राज्य के जिले में प्रजा मंडल की भूमिका एवं दीपशिखा का मकड़ई रियासत का सांस्कृतिक वैभव पर आधारित है। 1947 में देश की आजादी के बाद भी भोपाल आजाद नहीं हुआ था। किस तरह भोपाल का विलीनीकरण भारत में हुआ इस पर विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया।

नर्मदापुरम की मकड़ई रियासत को पहचान दिलाने के उद्देश्य से दीपशिखा ने अपना शोध कार्य संपन्न किया। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि मकड़ई के मंदिर की स्थापत्य कला और नेपाल के मंदिरो की स्थापत्य कला में समानता है।

प्राचार्य डॉ ओ एन चौबे, डॉ संजय चौधरी, डॉ कमल वाधवा ने शोध प्रविधि पर सुझाव दिये। साथ ही डॉ.के जी मिश्र, डॉ एस सी हर्णे ने राष्ट्रवादी इतिहास लेखन एवं आदिवासी जनजाति और हिंदुओं के साथ सांस्कृतिक संदर्भों पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर संस्था प्रमुख प्राचार्य डॉक्टर डॉ ओ एन चौबे, डॉ अमिता जोशी, डॉ संजय चौधरी, डॉ कमल वाधवा, डॉ.के जी मिश्र, डॉ सविता गुप्ता, डॉ आर एस बोहरे, डॉ एन आर आडलक एवम पी जी के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन एवं मार्गदर्शन डॉ.हंसा व्यास ने किया और प्रजामंडल के विषय में विस्तार से बताया। प्राचार्य डॉक्टर ओ. एन चौबे डॉ कमल वाधवा ने विषय पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए और सभी ने शोधार्थियों को आशीर्वाद एवं बधाइयां दी। आभार प्रदर्शन डॉ कल्पना विश्वास ने किया। डॉ.अंजना यादव ने रिपोर्ट प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

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