अखिल दुबे, इटारसी
12 रेंकिंग की टीम, पिछले विश्वकप की उपविजेता क्रोएशिया ने फर्स्ट रेंकिंग, 5 बार की विजेता ब्राजील को क्वार्टर फाइनल में हराकर बाहर किया, और किया अंतिम चार में धमाकेदार प्रवेश।
दुनिया के सभी फुटबाल विशेषज्ञों के अनुमान को क्रोएशिया ने खारिज किया। जिस शैली की फुटबाल इटली, ग्रीस, क्रोएशिया, रसिया, हंगरी, पोलैंड जैसे देश खेलते हैं, उसे दुनिया में कम ही पसंद किया जाता है।
सुरक्षात्मक, बचाव वाली फुटबॉल। धीमी, सुस्त और स्थिर फुटबॉल। जबकि फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, ब्राजील जैसे देश गतिशील, स्किलफुल, बेहद आक्रामक फुटबॉल खेलते हैं, बिल्कुल 20 ओवर के क्रिकेट की तरह जिसके कारण इनके प्रशंसक कहीं ज्यादा हैं। ब्राजील में नेमार है, ब्राजील में दो ऐसे गोलकीपर हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े क्लब लिवरपूल और मैनचेस्टर सिटी के गोलकीपर हैं। लेकिन क्रोएशिया के एक औसत गोलकीपर के असाधारण प्रदर्शन ने पूरे ब्राजील में शोक/पीड़ा की लहर व्याप्त कर दी। ये एक बड़ा उलटफेर है, स्पेन, जर्मनी के बाद ब्राजील का बाहर हो जाना।
दूसरे क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना से थोड़ी कमतर और विश्व कप की तीन बार की उपविजेता नीदरलैंड ने अंत तक किला लड़ाया। थोड़ा भाग्य का साथ भी मिला नीदरलैंड को, लेकिन पूर्वानुमान को सही ठहराते हुए अंत में जीत हुई मैसी की टीम की। अर्जेंटीना के गोलकीपर का एटीट्यूड, बॉडी लेंग्वेज, कॉन्फिडेंस सभी ने देखा, बेहद आक्रामक, लेकिन आत्मबल और आत्मविश्वास से परिपूर्ण। क्या बात है, हर्षातिरेक की बेव्स से सराबोर कर दिया पूरे स्टेडियम को इस अर्जेंटेन गोलकीपर ने।
लियोनेल मेसी की ऊर्जा का हस्तांतरण, टीम के हर खिलाड़ी में, हर दर्शक में स्पष्ट तौर पार परिलक्षित हुआ। क्रोएशिया के कालजई मिडफील्डर 39 साल के लोका मोडरिच के फिटनेस लेवल को देख सभी हतप्रभ हैं, बड़े बड़े स्पोट्र्स फिजियोथेरेस्ट की बोलती बंद है, सभी अवाक है।
एक 39 साल का खिलाड़ी, वो भी फुटबॉल का, 120 मिनट तक पूरे ग्राउंड में दिखाई देता है। एक मिडफील्डर, एक डिफेंडर, एक स्ट्राइकर भूमिका में निरंतर गतिशील, बेहद सक्रिय।ये एक ऐसा अनोखा खिलाड़ी है, जिसके पांव और मुंह एक साथ चलते रहते हैं। खेलता भी है, और खेलते हुए अपने साथियों को निर्देशित भी करता रहता है और प्रेरित भी। अर्जेन्टीना के गोलकीपर का आत्मविश्वास और आक्रामकता देख, बरबस ही विराट कोहली का स्मरण हो आया। याद कीजिए टी-20 में, पाकिस्तान के विरुद्ध, 160 का पीछा करते हुए विराट कोहली का रवैया।