होशंगाबाद। अंग्रेजी आज की आवश्यकता है, लेकिन उसे सिर्फ कॅरियर के लिए जरूरी मानकर एक भाषा के तौर पर सीखा जाए और अपनी संस्कृति को साथ रखा जाए तो यह तालमेल बेहतर जीवन जीने में मददगार होगा और आपको जड़ों से जुड़े रहने में मददगार भी होगा। इन दिनों ऐसा ही बेहतर तालमेल होशंगाबाद में चल रही रामलीला मंचन (Ramleela Manchan) में देखने को मिल रहा है। यहां रामलीला के प्रमुख पात्र अंग्रेजी मीडियम के विद्यार्थी हैं और अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत के श्लोक भी उतनी ही संजीदगी से बोलते हैं, जितनी हिन्दी और अंग्रेजी।
आईए, आपका परिचय इन कलाकारों से कराते हैं।
रामलीला (Ramleela) के मुख्य पात्रों में श्रीराम का पात्र है। इसे प्रद्युम्र दुबे निभा रहे हैं। वे कक्षा 11 के विद्यार्थी हैं। वे चार वर्ष से रामलीला में अभिनय कर रहे हैं और इनके पिताश्री भी रामलीला में अभिनय करते रहे हैं।
दूसरा मुख्य किरदार है, माता सीता का। इसे अक्षय मिश्रा बखूबी निभा रहे हैं। वे कक्षा 8 के विद्यार्थी हैं और बचपन से ही रामलीला से जुड़ाव है। वे दो वर्ष से अभिनय कर रहे हैं। तीसरा महत्वपूर्ण किरदार है श्रीराम के भाई लक्ष्मण का, जिसे अनिकेत दुबे निभा रहे हैं। तीन वर्ष के अभिनय में अब निखार भी दिखाई देने लगा है, वे भी 11 कक्षा के विद्यार्थी हैं। इनके पिता भी रामलीला में कलाकार रहे हैं। 11 वी के विद्यार्थी यथार्थ तिवारी भरत का पात्र निभा रहे हैं और वे भी विगत 5 साल से रामलीला में अभिनय कर रहे हैं। पिता भी रामलीला में निर्देशक के रूप में शामिल रहे हैं। श्रीराम के सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न का किरदार निभा रहे अक्षत तिवारी नवमी के छात्र हैं। बीते सात वर्ष से रामलीला में विभिन्न भूमिका में अपनी कला को दिखा चुके हैं। इनके भाई और चाचा भी रामलीला कलाकार रहे चुके हैं।
ये सभी कलाकार अभी स्कूली शिक्षा हासिल कर रहे हैं और अंग्रेजी की शिक्षा के साथ ही अपनी संस्कृति से जुड़ाव रखकर यह संदेश दे रहे हैं कि एक भाषा के तौर पर भले ही विश्व की दूसरी भाषा सीखी जाए, लेकिन साथ ही संस्कृति से जुड़ाव कभी खत्म नहीं करना चाहिए। अपनी संस्कृति से जुड़ाव रखने वाला हमेशा जड़ों से जुड़कर मजबूत बना रहता है।