स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति वर्ग के नायकों का योगदान विषय पर प्रतियोगिता

स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति वर्ग के नायकों का योगदान विषय पर प्रतियोगिता

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय में बिरसा मुंडा जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनायी। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति वर्ग के नायकों के योगदान विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यापर्ण किया। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति वर्ग के नायकों का योगदान विषय पर भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि देश के आदिवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धरोहर और उनके द्वारा राष्ट्र के निर्माण में दिए योगदान को हम कभी भुला नहीं सकते।
गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ समन्वयक डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष करने और जनजाति समाज के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासी जननायक भगवान बिरसा मुंडा हमारे प्रेरक हैं। संयोजक डॉ. संजय आर्य ने कहा कि यह दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश के इतिहास व संस्कृति में जनजातीय समुदायों के योगदान को याद करना और आने वाली पीढिय़ों को अपने सांस्कृतिक विरासत व राष्ट्रीय गौरव के संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष रविन्द्र चौरसिया ने छात्राओं को बिरसा मुंडा की जीवनी एवं उनकी उपलब्धियों के विषय में विस्तार से अवगत कराया। आभार डॉ. शिरीष परसाई ने व्यक्त किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम विशाखा सैनी, द्वितीय पारूल गोस्वामी एवं तृतीय स्थान पर सलोनी राठौर रहीं। निबंध प्रथम विशाखा सैनी, द्वितीय रक्षा साहू एवं तृतीय मीना पाल रहीं।
इस अवसर पर डॉ. कुमकुम जैन, मंजरी अवस्थी, पूनम साहू, रविन्द्र चौरसिया, डॉ. संजय आर्य, डॉ. शिरीष परसाई, डॉ. श्रद्धा जैन, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ. नेहा सिकरवार, क्षमा वर्मा, प्रिया कलोसिया, रश्मि मेहरा, सरिता मेहरा, राजेश कुशवाह एवं छात्राएं उपस्थित थीं।

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AUTHORRohit

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