पैदल बाजार Foot market करने वाले केवल 17 प्रतिशत लोग ही लगा रहे हैं मास्कMask
– 57 प्रतिशत महिलाओं Female ने मास्क को अपनाया
– 48 प्रतिशत वाहन चालक Vehicle drivers दिख रहे हैं मास्क के साथ
– बस स्टेंड, तालाब, जयस्तंभ के पास स्थिति चिंताजनक
इटारसी। आमतौर पर कानून का पालन न करने पर लोग अपना चेहरा ढंककर समाज से अपने को छिपाने की कोशिश करते हैं। लेकिन कोविड Covid काल में कुछ उल्टा ही नजर आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन World Health Organization एवं भारत सरकार Indian government के तमाम दिशानिर्देशों को ठेंगा दिखाते हुये मास्क Mask या तो नहीं लगाकर अथवा औपचारिकता वाला मास्क Mask लटका कर कुछ लोग समाज के सामने अपना चेहरा दिखाने में गर्व महसूस कर रहे हैं।
नगर में कोरोना विस्फोट Corona explosion के कारणों को जानने विज्ञान मेंं रूचि रखने वाले राजेश पाराशर Rajesh Parashar के साथ एमएस नरवरिया MS Narvariya तथा आदित्य पाराशर Aditya Parashar ने सूरजगंज Surajganj से बसस्टैंड Busstand तथा वापसी में सब्जी मंडी Sabji mandi तक 1150 लोगों का सर्वेक्षण किया। इसमें महिलाओंFemale , पुरूषों Male तथा वाहन चालकों Vehicle drivers के अलग-अलग समूहों के व्यवहारों का अध्ययन किया। दो घंटे तक चले इस सर्वेक्षण में सिर्फ 40 प्रतिशत लोग ही अपनी जिम्मेदारी समझते दिखाई दिये। दीवारों पर चिपके कोविड से बचाव के संदेश वाले कुछ पोस्टरों को गुटकाप्रेमियों ने रंगीन बना दिया है ।
आदित्य पाराशर ने बताया कि कोरोना Corona से निपटने में संगठित प्रयासों के अभाव में चिन्ता तो हर व्यक्ति कर रहा है, लेकिन बचाव के लिये गाइडलाइन की जिम्मेदारी वह दूसरों का कर्तत्य मान रहा है। एमएस नरवरिया ने बताया कि यह सर्वेक्षण उन हॉटस्पॉट तथा टारगेट ग्रुप की पहचान करना था जिनके लिये जागरूकता कार्यक्रम की जरूरत है। राजेश पाराशर ने बताया कि वे जल्दी ही कोविड से बचाव के लिये स्वेच्छा से एक जागरूकता कार्यक्रम करेंगे। लेकिन समाज के गणमान्य नागरिकों एवं सभी वर्गों के सहयोग के बिना यह औपचारिकता ही रह सकता है।
वर्ग – कुल व्यक्ति – मास्क लगाये – लगभग प्रतिशत
वाहन चालक- 584 – 278- 48 प्रतिशत
महिलायें – 208 – 119 – 57 प्रतिशत
पैदल चलते पुरूष – 365 – 62- 17 प्रतिशत .
कुल – 1157- 459 – 40 प्रतिशत
बाजार का क्षेत्रवार सर्वेक्षण
बसस्टैंड पर – 34 – 4- 12 प्रतिशत
सब्जी मंडी – 82 – 28 – 34 प्रतिशत
तालाब मोहल्ला – 71- 5 – 7 प्रतिशत
सर्वे करने वालों के विचार
भारत में कोविड का सामना करते हुये बसंत, गर्मी एवं वर्षा ऋतु में उसके प्रभाव को हम देख चुके हैं। टीका आने तक शरद एवं शीत ऋतु में भी कोरोना हमारे साथ होगा। चीन में शीत ऋतु में इसकी घातकता को देखा गया है। इसके लिये वर्तमान में मास्क को ही टीका मानकर अपनी जिम्मेदारी निभायें तो इसके संक्रमण का फैलाव कम कर सकते हैं।
– आदित्य पाराशर Aditya Parashar
नगर में परंपरागत सामाजिक सेवा करने वाले संगठनों को विशेष जिम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि कुछ लोगों की नासमझी या हठ पूरे नगर के लिये संक्रमण का खतरा बढ़ा सकती है।
– राजेश पाराशर Rajesh Parashar
कोरोना को सिर्फ सदी-जुकाम समझने की भूल लापरवाही को बढ़ावा देती है। याद रखिये इसके सफल इलाज का प्रतिशत 100 नहीं है
– एम एस नरवरिया Ms Narvariya