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अमानत में खयानत, तीन आरोपी को सजा

इटारसी। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती प्रीति सिंह के द्वारा अपने निर्णय आदेश में आरोपी संतोष सिंह एवं विमल सिंह तथा अनिल कुमार को भारतीय दंड विधान की धारा 406 409 एवं धारा 420 120 बी में दोषी पाते हुए सभी धाराओं में क्रम से तीन-तीन वर्ष के कारावास एवं ₹1500 के जुर्माने से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।
अभियोजन कहानी के अनुसार दिनांक 13 अप्रैल 2011 को जिला प्रबंधक आपूर्ति निगम होशंगाबाद द्वारा थाना प्रभारी इटारसी को एक लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था कि कृषि उपज मंडी समिति इटारसी के द्वारा सहायक उपनिरीक्षक के पेट्रोलिंग के दौरान हर संगत कॉलोनी इटारसी में अवैध रूप से मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन के बोरे जाने प्राप्त कर गेहूं की अवैध रूप से तौल कराई जा कर खरीदी की जा रही है। जिसकी सूचना मंडी सचिव को दिए जाने पर मंडी सचिव ने स्वयं मौके पर उपस्थित होकर जांच के निर्देश दिए थे। जिसकी जांच उपायुक्त सहकारिता जिला प्रबंधक आपूर्ति निगम एवं सहायक सचिव मंडी द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि कृषक संतोष सिंह निवासी हर संगत कॉलोनी इटारसी के द्वारा डोलरिया समिति प्रबंधक अनिल राजपूत एवं सहायक समिति प्रबंधक विमल सिंह से अवैध रूप से सिविल सप्लाई कारपोरेशन के बार दाने प्राप्त कर अवैध रूप से गेहूं की खरीदी की जा रही थी। जिसके लिए बाकायदा कृषक द्वारा तोलकांटा भी लगा रखा था और तुलाई का कार्य किया जा रहा था।
समिति प्रबंधक अनिल सिंह एवं विमल सिंह द्वारा संतोष सिंह से मिलीभगत कर अमानत में खयानत कर अवैध रूप से सरकारी बारदाना उपलब्ध कराकर अवैध खरीदी कराई जा रही थी। जिसकी रिपोर्ट पर से तीनों आरोपी के विरोध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
इस प्रकरण का विचारण द्वितीय सत्र न्यायालय इटारसी के द्वारा किया जा कर एक आरोपी को धारा 406 में तथा 2 आरोपी को धारा 409 में एवं तीनों आरोपीयो को धारा 420 एवं 120B भारतीय दंड विधान के तहत दोषी पाते हुए सभी धाराओं में तीन-तीन वर्ष के कारावास एवं ₹1500 के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर 2 माह का कारावास और भुगतना होगा। आरोपी को दी गई सभी सजाए एक साथ चलेंगी। तीनों आरोपी पूर्व से जमानत पर थे। इसलिए उन्हें सजा के पश्चात भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा और 489 के तहत एक माह के लिए जमानत की सुविधा का लाभ अपील प्रस्तुत किए जाने हेतु द्वितीय अपरसत्र न्यायालय इटारसी के द्वारा दिया गया है। अभियोजन की ओर से इस प्रकरण में संपूर्ण पैरवी अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला के द्वारा की गई थी और उनके द्वारा इस प्रकरण में लगभग 9 साक्ष्यों को प्रस्तुत किया गया था। आरोपी की ओर से बचाव में 2 गवाहों ने अपने कथन न्यायालय में दर्ज कराए थे। संपूर्ण विचारण उपरान्त न्यायालय द्वारा तीनों आरोपियों को उक्त सजा से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया गया है।

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