कृषि उपज मंडी में बड़े तौल-कांटों से तुलाई का निर्णय, किसानों में प्रसन्नता

Post by: Rohit Nage

इटारसी। कृषि उपज मंडी में अपनी उपज लेकर आने वाले किसानों की उपज की अब बड़े तौल कांटे से तुलाई की जा रही है। इस निर्णय से किसान खुश नजर आ रहे हैं। अब किसानों को समय की बचत हो ही रही है और तुलाई में भी कम-ज्यादा तौल का विवाद नहीं हो रहा है। कृषि उपज मंडी के भार साधक अधिकारी टी प्रतीक राव ने निर्देश दिये हैं कि कृषि उपज मंडी परिसर में किसानों की उपज को छोटे तौल कांटों की बजाय बड़े इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों से ही तौला जाए। इसके बाद से मंडी परिसर में खरीदी के पहले ही किसने की उपज को बड़े तौल कांटों पर वाहन सहित तुुलाई कराकर उनकी उपज की खरीदी की जा रही है।

इस निर्णय से किसान खुश हैं। ग्राम रैसलपुर के किसान विनीत चौधरी ने कहा कि छोटे कांटों से तुलाई होने से उनके माल में कमी हो जाती थी, इससे दिक्कत भी होती थी। इस नयी व्यवस्था से काम जल्दी भी होता है और गेहूं की तुलाई भी बराबर हो रही है। छोटे तौल कांटों पर मंडी परिसर में व्यापारियों के द्वारा खरीदी जाने वाली उपज की मात्रा में अंतर आता था जिससे व्यापारी एवं किसानों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होती थी। ग्राम जुझारपुर के किसान जयदीप महालहा ने कहा कि छोटे कांटे से हर बार अनाज ज्यादा जाता था और उनको नुकसान उठाना पड़ता था। जब से मंडी परिसर में बड़े तौल कांटों पर किसानों की उपज की पहले तुलाई हो रही है।

उनकी उपज की मात्रा में अंतर नहीं आ रहा है और उन्हें अपनी उपज विक्रय करने पर फायदा हो रहा है। बड़े तौल कांटो की तुलाई को लेकर किसानों ने बताया कि अक्सर छोटे तौल कांटों से तुलाई होने पर उपज की मात्रा में अंतर आ जाता था जिससे भुगतान में परेशानी के साथ आर्थिक रूप से नुकसान हो जाता था। जब से कृषि उपज मंडी प्रशासन के द्वारा बड़े तौल कांटे पर अनाज की तुलाई का कार्य शुरू किया है, तब से अनाज चोरी होने की घटना पर विराम लग गया है। इतना ही नहीं मंडी लाये जाने वाली उपज को बेचने के बाद आर्थिक नुकसान बंद हो गया है और किसानों को फायदा हो रहा है।

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