सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग में होगा गुरु का पूजन और वंदन

Post by: Poonam Soni

होशंगाबाद। आषाढ़ शुक्ल पक्ष (ashadh shukla paksha) पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा है आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। पंडित शुभम दुबे ने बताया कि इस बार यह शुभ तिथि 24 जुलाई दिन शनिवार को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग भी रहेगा। गुरु पूर्णिमा (GuruPurnima) को भारत में बहुत उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले पूज्य गुरु देव भगवान का पूजन किया जाता है पंडित दुबे बताते है मनुष्य रूप में जन्म लेकर देवताओं ने भी गुरु के चरण बंदन किए हैं और उनसे ज्ञान प्राप्त किया है। साथ ही इस दिन महाभारत के रचयिता वेदव्यास का भी जन्म होने की वजह से इस तिथि को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वेद व्यासजी को प्रथम गुरु की उपाधि प्राप्त है क्योंकि मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इस दिन के बाद से आषाढ़ मास समाप्त हो जाता है और सावन मास का प्रारंभ होता है।

आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा कहा जाता है। हिंदू धर्म में वैसे तो सभी पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व है लेकिन आषाढ़ पूर्णिमा का अपना एक अलग स्थान है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और यज्ञ जप-तप व दान के लिए बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima)के दिन गुरु पूजन भी किया जाता है। गुरु मंत्र प्राप्त करने के लिए भी यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन आप जिसे भी गुरु मानते हैं, उसके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है और गुरु की पूजा की जाती है। क्योंकि उनके ज्ञान के प्रकाश से जीवन का अंधकार दूर होता है और गुरु द्वारा ईश्वर की प्राप्ति होती है। गुरु का ज्ञान ही जीवन के हर मार्ग को आलोकित करने में सक्षम होता है। प्राचीन काल से लेकर आज तक गुरु-शिष्य की परंपरा चली आ रही है। इस दिन केवल गुरु ही नहीं बल्कि परिवार के सभी बड़े सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और उनको गुरु तुल्य समझकर आदर करना चाहिए।

भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें। इसके बाद गुरु को श्रद्धा और क्षमतानुसार गुरु दक्षिणा या उपहार भेंट स्वरूप दें। इस दिन गुरु का आभार व्यक्त करने के लिए वैसे ही तैयारी करें जैसे भगवान की पूजा के लिए करते हैं।

Leave a Comment

error: Content is protected !!