रविवार, सितम्बर 8, 2024

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दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव का उद्घाटन, सीएम के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा

इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Government Mahatma Gandhi Memorial Post Graduate College) इटारसी (Itarsi) में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव का उद्घाटन किया। आयोजन का आरंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर (Devi Ahilya University, Indore) में किया। इसका सीधा प्रसारण कॉलेज में देखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्रों में गुरु का दर्जा भगवान के समान बताया गया है।

प्राचार्य डॉ राकेश मेहता (Principal Dr. Rakesh Mehta) ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्वास्ति वाचन किया एवं संस्था का परिचय, विजन और मिशन स्पष्ट करते हुए कहा कि महाविद्यालय के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना साथ ही उन्हें विभिन्न कलाओं में दक्ष कर आनंदपूर्ण जीवन जीने की कला सिखाना है। जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष डॉ नीरज जैन (Dr. Neeraj Jain) कहा कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता वह अपने आचरण से समाज को शिक्षा प्रदान करता है। अत:हमें गुरु का सदा सम्मान करना चाहिए। पतंजलि योग गुरु कमलेश गौर (Kamlesh Gaur) ने गुरु पूर्णिमा का महत्व इसका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, गुरु शिष्य परंपरा का महत्व एवं गुरु की महत्ता का बखान किया। महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य केएस उप्पल (KS Uppal) ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य भारतीय ज्ञान, परंपरा, संस्कृति को निरंतर प्रवाहित करते रहना है। आकाश में छाए हुए काले बादलरूपी अज्ञान को आषाढ़ पूर्णिमा का चन्द्रमा ही प्रकाशमान करता है।

इटारसी शहर के 100 वर्ष पूर्ण होने पर महाविद्यालय के माध्यम से शोध, कार्यशाला एवं परिचर्चा का विषय बनाकर शहर के विकास का सुझाव दिया। महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य व्हीके सीरिया ने कहा कि विद्यार्थी को समाज हेतु आत्मबोध होना आवश्यक है। विद्यार्थी को प्राथमिक स्तर से ही संस्कार एवं स्वास्थ्य की शिक्षा दी जानी चाहिए। चिंतन, ज्ञान, मनन एवं अभ्यास से ही ज्ञान का विकास संभव है।

प्राध्यापक डॉ. ओपी शर्मा ने नैतिक शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विद्यार्थियों में वर्तमान समय में नैतिक शिक्षा होना बहुत ही आवश्यक है, जिससे विद्यार्थी अपने कर्म के प्रति जागरूक होगा और स्वयं कर्म करने के लिए प्रेरित होता रहेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रभारी डॉ सन्तोष कुमार अहिरवार ने कहा कि ज्ञान ऐसी निधि है, जितनी खर्च की जाएगी उतनी ही बढ़ती जाएगी। विद्या विनय से ही ग्रहण की जाती है। संचालन कार्यक्रम प्रभारी डॉ पीके अग्रवाल एवं आभार प्रदर्शन डॉ मनीष चौर ने किया।

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