तालाबों का होगा कायाकल्प, अब मछली पालन से आत्मनिर्भर बनेगी समूह की महिलाएं

स्व सहायता समूह की आजीविका सुदृढ़ करने के किए जा रहे प्रयास

होशंगाबाद। जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा निरंतर बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब समूह की महिलाओं को मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन जैसी गतिविधियों से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है,जिसके लिए मनरेगा योजना से जिले के टूटे फूटे अनुपयोगी तालाबों के साथ ही स्टॉप डेम एवं चेक डैम का कायाकल्प कर उन्हें मछली पालन के लिए अनुकूल बनाया जाएगा। जिससे ना केवल समूह की महिलाओं को अपनी आजीविका के लिए एक बेहतर विकल्प प्राप्त होगा बल्कि हमारे जल संसाधनों का भी समुचित उपयोग हो सकेगा। इसके लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मनोज सरियाम द्वारा ऐसे चिन्हित तालाबों का मौका निरीक्षण कर मछली पालन के लिए उपयुक्त रूप से जीर्णोद्धार करने के निर्देश सभी जनपद सीईओ, परियोजना अधिकारी मनरेगा और संबंधित तकनीकी अमले को दिए है।

समूह की महिलाओं को मछली पालन के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

मत्स्य विभाग होशंगाबाद द्वारा सभी ब्लॉकों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर स्व सहायता समूह की महिलाओं और उपयोगकर्ता समूह को मछली पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन के लिए आवश्यक जानकारी दी जा रही है। मत्स्य निरीक्षक प्रियांशी सोनी ने बताया कि अभी विगत 2 दिनों में ब्लॉक सिवनी मालवा एवं पिपरिया में आयोजित प्रशिक्षण सत्र में समूहों को मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन द्वारा तालाब की आर्थिकी , जाल बुनने के तरीके , मत्स्याखेट में प्रयोग में लिए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जालों के बारे में विस्तार से बताया गया । साथ ही मत्स्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत बायोफ्लॉक, तालाब निर्माण, आर.ए.एस , हैचरी एवं विभिन्न योजनाओं के निर्माण एवं सबंधित योजना में अनुदान के बारे में भी अवगत कराया गया।
आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी मनरेगा अभिषेक तिवारी,सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं संबंधित पंचायतों के सचिव रोजगार सहायक उपस्थित रहे।

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