रविवार, सितम्बर 8, 2024

LATEST NEWS

Train Info

आकाशीय घड़ी में चंद्रमा कांटा है, तो 27 नक्षत्र इसके नम्बर हैं 

-पुष्य योग का खगोलविज्ञान समझाया सारिका ने

-आकाशदर्शन भी कर सकते हैं पुष्यनक्षत्र का

इटारसी। कल 18 अक्टूबर मंगलवार, पुष्य योग धार्मिक एवं आर्थिक पक्ष की मान्यता है। अतिरिक्त जानकारी देने विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने पुष्य तारामंडल के वैज्ञानिक तथ्यों को बताया।

सारिका ने बताया कि चंद्रमा को पृथ्वी की एक परिक्रमा करने में लगभग 27.दिन लगते हैं। अगर आकाश को एक घड़ी समझा जाये तो चंद्रमा घड़ी के कांटे के रूप में कार्य करता है और उसके पीछे आकाश में दिखने वाले तारे घड़ी के नम्बर की भूमिका के रूप में रहते हैं। पूरे आकाश को 27 नक्षत्रो में बांटा माना गया है। जिस तरह घड़ी का कांटा हर 12 घंटे बाद अपनी स्थिति पर लौट आता है उसी प्रकार लगभग हर 27 दिन बाद चंद्रमा के सामने वही नक्षत्र पुनः आ जाता है।

कुल 27 नक्षत्र में से आठवा को पुष्य नक्षत्र नाम दिया गया है। अतः लगभग हर माह में चंद्रमा के सामने पुष्य नक्षत्र आ जाता है । सप्ताह के सात दिन में से अगर उस दिन गुरूवार होता है तो उसे गुरूपुष्य और अगर रविवार को होता है तो रविपुष्य योग कहा जाता है।

सारिका ने बताया कि पुष्य नक्षत्र में मुख्य तारे गामा कैंसरी तथा डेल्टा कैंसरी है जो पृथ्वी से लगभग 180 प्रकाशवर्ष दूर है। उनमें एक तारासमूह थीटा कैंसरी है जो कि लगभग 450 प्रकाश वर्ष दूर है अर्थात उसका प्रकाश यहां तक आने में 450 साल लग जाते हैं। पुष्य नक्षत्र कर्क तारामंडल का भाग है जो कि कल्पना करने पर कैंकड़े की तरह माना गया है। पृथ्वी से दूर होने के कारण इनके तारे कम चमकदार दिखते हैं।

कल 18 अक्टूबर को देर रात 1 बजे के बाद जब आप चंद्रमा को उदित होते देखेंगे तो उसके पीछे हल्के चमकते तारे ही पुष्य नक्षत्र होंगे। तो प्रकाशपर्व दीपावली के पहले अपनी तैयारियों को दीजिये अंतिम रूप साथ ही बढ़ाईये खगोलविज्ञान का प्रकाश।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

MP Tourism

error: Content is protected !!

Jansampark MP News